Wednesday, October 12, 2011

"राजनीति और यात्रायें"

 जब भी यात्राओं का ज़िक्र होता है  दिमाग  में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक की तीर्थ यात्रा  याद आती है, लेकिन आज के  दौर  में  जब भी यात्राओं का ज़िक्र आता है तो बरबस ही  दिमाग  में  राजनितिक यात्रायें घुमने लगती है|
इन राजनितिक यात्राओं की शुरुआत गाँधी जी द्वारा दांडी यात्रा से हुई जिसका मकसद अंग्रेज़ो का बहिष्कार करना था| बड़ा ही शुद्ध , स्वक्ष विचार और देश हित में की गई ये यात्रा थी| जिसका परिणाम...., आज हम स्वतंत्र भारत में साँस ले रहे हैं|
इस आधार यात्रा  के बाद कई जानी-मानी यात्रायें हुई जब देश आज़ाद हुआ|
देवीलाल और वि.पि सिंह द्वारा की गई  यात्रा,जिसका मकसद जनाधार पाना था लेकिन वि.पि. सिंह जी को देवीलाल का प्रभाव जनता में ज्यादा दिखा और यात्रा का परिणाम ये रंग लाया की  उन्हों ने मंडल का कमंडल देश को थमा दिया इसलिए क्योकि उनका जनाधार बढ़े|
अडवाणी जी की यात्रा....., इस यात्रा की शुरुआत गुजरात के सोमनाथ मंदिर से हुई इसलिए क्योकि इसका मकसद राम मंदिर का निर्माण करना था| इसका अंत बिहार में हुआ या  यों  कहें की करना पड़ा क्योकि बिहार सरकार ने इजाज़त नहीं दी| परिणाम भाजपा की सरकार बनी  लेकिन जिस मकसद से यात्रा हुई थी वो मकसद धरा का धरा रह गया...., हाँ!  राम जी ने  भाजपा का तो कल्याण कर ही  दिया|
राहुल गाँधी  की पद यात्रा मकसद ग़रीबों का कल्याण लेकिन इसमें भी वोट बैंक के कल्याण से ज्यादा नज़र नहीं आता|
अन्ना जी......., भारत को एक ऐसा समाज सेवी मिला जो   राजनीति से परे देश  हित में सोचने वाला गाँधी रूपी विचार धारा रखने वाला....,
किन्तु कुछ दिनों पहले इन्होने भी यात्रा शुरू करने   की बात की और यात्रा का मकसद कांग्रेस के खिलाफ जनसमर्थन न बने |  अन्ना जी जब बच्चे बच्चे के ज़बान पर आये तो इनका मकसद था भ्रष्टाचार  की खिलाफत करना लेकिन कैसे इनका आन्दोलन यात्रा में बदला और  राजनीति से प्रेरित  हो गया पता नहीं चला|
आंकलन कीजिये  दांडी यात्रा से आजतक की गई यात्राओं पर, जो इन यात्राओं की आधार यात्रा थी उसका मकसद और आज की गई यात्राओं का मकसद!!!
आज राजनीती में की गई यात्राये देश का  कौन सा  हित कर रहीं है???

Saturday, October 8, 2011

"The Mango People"

 कुछ  नहीं  बदलने  वाला साहब!! ....एक  छोटा  सा  उदहारण  =बिजली  का  मीटर  इलेक्ट्रोनिक  कर  दिया  गया  क्योकि चोरी बंद हो लेकिन बिजली  चोरी  बंद  नहीं  हुई|आखिर  इस  चोरी  का  ज़िम्मेदार कौन  है??  नेता  है ??  ऑफिसर है ??जी नहीं  इनमे से कोई नहीं, अगर है तो  आम  जनता (जिसको मै आंग्ला भाषा में" the  mango people " कहती हूँ ) क्योकि  आम आदमी को आम खाने की आदत हो चुकी है|
.ये  इंडिया  है  हर  बात  का  तोड़  निकाल  लेते  हैं  लोग .और  माने  या  न  माने .........अन्ना  को  जो  बी  कवायेत  करनी  है  वो  जनलोकपाल  के  लिए  करनी  चाहिए   न  की  कांग  ,बीजेपी  या  अन्य  पार्टी  को  वोट  दे  या  न  दे  की  सीख  दे कर| ये पुब्लिक है अन्ना साब ,जो किसी की नहीं है,कब किसको आसमान पर बिठा दे और कब किसको ज़मीं पर ला दे पता नहीं चलता  .......होगा  ये  कि  जितना  समर्थन  मिला  था  आपके विचारों को   उतने  ही   लोग  उनके (आपके विचारों के)  खिलाफ  हो  जायेंगे क्योकि  लोग राजनीति से  ऊब चुके हैं|