Wednesday, July 13, 2011

अनुरोध ..............

 मुंबई  ब्लास्ट  हुआ  कल ,कितने  लोगों  के  परिवार  उजड़  गए  होंगे , 
 कुछ  अपाहिज   हो  गए होंगे....,  
लेकिन  लोगों  का  गुस्सा   ये  की  मुसलमान  पैदाइशी  आतंवादी  होते  हैं...,  
क्यों  लोग  ये  भूल  जाते  हैं   की  मरने  वालों  में  कोई  एक  धर्म  शामिल  नहीं  है ,क्यों  भूल  जाते  हैं  की  अपने  कब्रिस्तान   में  आतंक  वादियों  की  लाशो  को  दफ़नाने  से  मुसलमानों  ने  इंकार  कर  दिया  था ,जामा   मस्जिद  में  भी  ब्लास्ट  हुआ  था .....
मेरा   आपलोगों  से  अनुरोध  है  की  कृपया  ऐसी  बातों  से  इस   दुःख  के   छड   में  किसी  धर्म  विशेष  को  न  भड़काए ....शांति  बनाये  रखे .... उन आंतकवादियों की मंशा को साकार ना करे , ये  हमारे  और  हमारे  देश  के   लिए  हितकर  होगा ,हम  भारतीय  हिन्दू-मुसलमानों  को  एक  साथ  होकर  इसका  विरोध  करना  चहिये ,न  की  एक -दुसरे  पर  इलज़ाम  लगाने  का  वक़्त  है .......धन्यवाद् !! जय हिंद.....!!

1 comment:

  1. मैं आपसे सहमत हूँ. मैंने एक कविता लिखी थी. उसकी कुछ पंक्तियाँ-
    स्वार्थ हित इंसान ने इंसान को बेचा,
    ईमान को बेचा तथा भगवान् को बेचा,
    हर तरफ बरबादियों के लग गए मेले.
    हे प्रकृति माँ ! तू मुझे. निज गोद मैं ले ले.

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